Tuesday, December 30, 2025
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उन्नाव : सड़क पर आलू-प्याज़ की तरह बिक रही देशी शराब !

जिला पुलिस-आबकारी विभाग की मिलीभगत से बिक रही अवैद्य ढंग से शराब

स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो
उन्नाव।
माखी थाना क्षेत्र के प्यारेपुर में देशी शराब का ठेका इन दिनों सुर्खियों में है। नियम-कायदे ताक पर रखकर यहां सड़क किनारे कुर्सी डालकर शराब ऐसे बेची जा रही है मानो सब्ज़ी मंडी लगी हो। खुलेआम चल रहे इस धंधे ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि ठेके की कार्यशैली हमेशा विवादों में रही है। आए दिन यहां प्रिंट रेट से अधिक दामों पर बिक्री और रात-दिन 24 घंटे दुकान खुले रहने की शिकायतें आम हैं। बावजूद इसके, प्रशासन की खामोशी लोगों को हैरान कर रही है। स्थानीय राहगीरों और आसपास के परिवारों ने इस खुले कारोबार पर नाराज़गी जताई। उनका कहना है कि शराबियों की भीड़भाड़ से माहौल बिगड़ता है और महिलाओं-बच्चों तक का गुजरना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों ने पुलिस और आबकारी विभाग पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि जिम्मेदारों की ढिलाई के कारण ही ठेकेदार इतने बेखौफ हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

प्रतीकात्मक फोटो

सवाल यह है कि जब शिकायतें लगातार उठ रही हैं, तो आखिर प्रशासन की नज़र क्यों नहीं पड़ती इन अवैध गतिविधियों पर?

उन्नाव जिले की पुरानी घटनाएँ

  1. 2012 का मामला, 13 साल बाद फैसला
    मौरावा थाना क्षेत्र के बैजनखेड़ा गांव के रहने वाले अमरेश पुत्र नन्हकऊ को 2 अक्टूबर 2012 में अवैध कच्ची शराब और शराब बनाने के उपकरणों के साथ पकड़ा गया था।
    — अदालत ने जून 2025 में दोषी ठहराया और 3,000 रुपए जुर्माना लगाया गया।
  2. 2018 का मामला, जुर्माना
    सोहरामऊ थाना क्षेत्र में जागेश्वर नामक व्यक्ति के कब्जे से अवैध कच्ची शराब बरामद हुई थी।
    — 5 साल बाद, 2023 में अदालत ने 2,000 रुपए का अर्थदंड लगाया।
  3. 2015 का मामला, दस साल बाद सजा
    हिलौली (पुरवा) के मौरावां थाना क्षेत्र में वीरु पुत्र चंद्रप्रकाश पासी को एक अवैध शराब मामले में 10 साल बाद, वर्ष 2025 में न्यायालय ने दोषी ठहराया और 2,900 रुपए का जुर्माना लगाया।
  4. “सिरिंज से शराब में मिलावट” वायरल वीडियो
    बांगरमऊ क्षेत्र में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दिखाया गया कि किस तरह शराब में सिरिंज से मिलावट की जा रही है। आबकारी विभाग ने इसकी जांच शुरू की थी, नौबतगंज में छापेमारी की गई।
    — हालांकि, प्रथम छापे में मिलावटी शराब नहीं मिली थी।
  5. 214.52 लीटर अवैध शराब बरामद, तीन गिरफ्तार
    2025 में आबकारी विभाग ने विशेष अभियान में ~214.52 लीटर अवैध शराब जब्त की। तीन आरोपी गिरफ्तार हुए।
  6. 94 लीटर कच्ची शराब + 18 लीटर ताड़ी बरामद; 8 गाँवों में कार्रवाई
    चम्पापुरवा, भटपुरा, ददलहा आदि गांवों में आबकारी विभाग ने छापेमारी कर ये सामग्री जब्त की; साथ ही अवैध निर्माण स्थल ध्वस्त किया गया।
  7. अर्बन लाइसेंस विवाद
    एक व्यक्ति जो कई आपराधिक मामलों में नामजद है (गुंडा एक्ट और जिलाबदर), उसे शराब की दुकान का लाइसेंस मिल जाने की ख़बरें आईं।

इन घटनाओं से ये बातें सामने आती हैं:

कार्रवाही बहुत देर से होती है — कई मामलों में गिरफ्तारियाँ सालों बाद हुईं, न्यायालय निर्णय आने में लंबा समय लगता है।

रोकथाम और निरंतर निगरानी की कमी — नियमों को तोड़ने की घटनाएँ अक्सर दोहराई जाती हैं (खुली बिक्री, नियमों की अनदेखी)।

शिकायतों पर कभी-कभी जांच होती है, लेकिन अक्सर पर्याप्त सबूत न होने का हवाला देकर कार्रवाई सीमित रखी जाती है।

नीति और प्रशासनिक जवाबदेही महत्वपूर्ण है — ठेकेदारों, आबकारी और पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए।

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