
स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो अयोध्या।
नगर निगम के टेंडर में साझेदारी का लालच देकर अयोध्या में एक बड़ा ठगी कांड सामने आया है। शहर एक बड़े जनप्रतिनिधि के करीबी बताए जा रहे आरिफ आब्दी समेत तीन लोगों पर 47 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगा है। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और मुख्य आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
बताते चले कि प्रमोदवन निवासी देव नारायण त्रिपाठी ने एफआईआर में आरोप लगाया कि उनके बेटे अभिनव के अस्पताल पर गोंडा निवासी सुभाष सिंह और देवकाली के रिंकू मौर्या, अपने साथ शहर के राठ हवेली, बड़ा इमामबाड़ा निवासी आरिफ आब्दी को लेकर आए। इन लोगों ने नगर निगम में ऊंचे रसूख का हवाला देते हुए कहा कि वे सोलर लाइट लगाने और कूड़ा उठवाने जैसे करोड़ों के ठेके दिलवा सकते हैं।
फोटो से बढ़ी विश्वसनीयता
तीनों ने अधिकारियों और नेताओं के साथ खिंचवाई तस्वीरें दिखाकर पीड़ित को भरोसे में लिया। आरिफ आब्दी ने 13.65 करोड़ रुपये के सोलर लाइट टेंडर का हवाला देते हुए पार्टनरशिप का प्रस्ताव रखा। किस्तों में पैसा लगाने की बात पर सहमति बनी और दिसंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच 42 लाख रुपये बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए। इसके अलावा सामान और लेबर के नाम पर 5.95 लाख रुपये नगद व यूपीआई से दिए गए।
टेंडर की गारंटी के तौर पर देवांश फार्मा (पीड़ित के बेटे की फर्म) के चार ब्लैंक चेक भी ले लिए गए। ठगी को पुख्ता दिखाने के लिए फर्जी ईमेल आईडी से वर्क ऑर्डर भेजा गया और उस पर अधिकारियों के हस्ताक्षर युक्त नकली दस्तावेज भी दिखाए गए।
जब आरोपी कॉल रिसीव करना बंद कर दिए तो त्रिपाठी को शक हुआ। नगर निगम से पड़ताल में खुलासा हुआ कि ऐसा कोई टेंडर जारी ही नहीं हुआ है और सारे मुहर व हस्ताक्षर फर्जी हैं।
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नेता जी से नजदीकी पर सवाल
सीओ अयोध्या आशुतोष तिवारी ने पुष्टि की कि तीनों आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया गया है और आरिफ आब्दी से पूछताछ की जा रही है। दिलचस्प यह है कि आरिफ आब्दी और नेता जी का पुराना कांग्रेस कनेक्शन रहा है। सोशल मीडिया पर दोनों की दर्जनों तस्वीरें मौजूद हैं 13 मई को नेता जी के साथ केक काटते हुए, ईद के मौके पर, उनके घर और इमामबाड़ा में।
यह मामला केवल ठगी का नहीं, बल्कि नगर निगम की विश्वसनीयता, राजनीतिक रिश्तों और सफेदपोश अपराध की गहराई को उजागर करता है।


