स्वराज इंडिया : प्रमुख संवाददाता / कानपुर

केडीए-कानपुर विकास प्राधिकरण में अफसरों की चुप्पी भ्रष्टाचार को बढावा और संरक्षण दे रही है। प्राधिकरण में धांधलियों की फेहरिस्त बढती जा रही। जांच के नाम पर कमियों और भ्रष्टाचार पर लगातार पर्दा डाला जा रहा है। इससे सीएम योगी आदित्यनाथ की जीरो टालरेंस नीति को सीधे सीधे पलीता लग रहा है। केयर टेकर में बिना टेंडर के लाखों रूपयों के कार्य कराए जाने का मामला पकडा गया है। अब इसमें जिम्मेदार अधिकारी बयान देने से बच रहे हैं।
विभागीय सूत्रों का दावा है कि केयर टेकर अनुभाग में हर माह लाखों रूपयों के भुगतान विभिन्न मदों पर किए जा रहे हैं लेकिन सरकारी नियमों को दरकिनार कर चहेते ठेकेदारों और डमी फर्मो के माध्यम से भुगतान सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है। ताजा इनपुट के मुताबिक केडीए मुख्यालय के पोर्टिको में फाल सीलिंग लगाने का कार्य 3 माह पूर्व हो चुका है लेकिन 2 जुलाई 2025 को 2 लाख 45 हजार रूपए का टेंडर निकाल दिया गया। वहीं, पोर्टिको की मरम्मत के नाम पर सिर्फ फॉल-सीलिंग टांग दी गई हैं, जब कि छत की सरिया भी दिख रही थीं उनपर प्लास्टर करना भी जरूरी नहीं समझा गया। इसी तरह से केडीए के रिकार्ड रूम की रंगाई पुताई और मरम्मत के नाम पर 2 लाख 99 हजार रूपए का टेंडर निकाला गया। विभागीय सूत्रों का दावा है कि यह कार्य भी पहले ही हो चुका है। इस तरह से केयर टेकर में मरम्मत और आपूर्ति के नाम पर लगातार फर्जी फाइलें बनाकर सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है। हालांकि, यह प्रकरण शासन तक पहुंचा है। केडीए की लापरवाह और भ्रष्ट कार्यशैली की तमाम शिकायतें पहले ही शासन में लंबित चल रहे हैं, ऐसे में आए दिन आ रहे प्रकरण कई सवाल खडे कर रहे हैं।
इस मामले में वीसी मदन सिंह गर्ब्याल से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो सकी। वहीं, सचिव अभय पांडेय मीटिंग में व्यस्त होने का हवाला दिया।
अनुभनहीन इंजीनियर डुबो रहे लुटिया
केडीए में कई असिस्टेंट इंजीनियरों की तैनाती हुई है। इंजीनियरों की कमी के कारण उनसे महत्वपूर्ण सीधे कार्य लिए जा रहे हैं। इससे केडीए के कामकाज में नाकारात्मक प्रभाव भी पडा है। केयर टेकर प्रभारी के तौर पर जब से एई अतुल राय की तैनाती की गई है तब से कामकाज में पारदर्शिता नहीं है। मनचाहे ढंग से फाइलों को बनाकर कार्य कराए जाने की शिकायतें आ रही हैं और धांधली की आशंका बनी हुई है।
पहले भी हो चुका डीजल घोटाला कांड
केयर टेकर अनुभाग में पहले भी डीजल घोटाला कांड हो चुका है। इसमें बिना जेनसेट चले ही डीजल खरीद के नाम पर लाखों रूपयों का भुगतान ले लिया गया था। इसकी शिकायत तत्कालीन कर्मचारी नेता बचाउ सिंह सहित अन्य ने की थी इसपर कई इंजीनियरों पर कार्रवाई हुई थी। कई वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए प्रकरण अभी भी शासन में लंबित है। ऐसे में केडीए में एकबार फिर भ्रष्टाचार का खेल सजाया जा रहा है।


