
स्वराज इंडिया ब्यूरो
आस्था और भक्ति का महापर्व शारदीय नवरात्र इस वर्ष 22 सितंबर, सोमवार से आरंभ हो रहा है। नवरात्र का प्रारंभ घटस्थापना से होता है, जिसे शक्ति उपासना का सबसे महत्वपूर्ण कर्मकांड माना गया है। इस बार विशेष संयोग यह है कि देवी मां हाथी पर सवार होकर पधारेंगी, जिसे धार्मिक मान्यताओं में अत्यंत शुभ और समृद्धि देने वाला माना जाता है। शारदीय नवरात्र का यह पर्व मां शक्ति की उपासना का अनोखा अवसर है। हाथी पर सवार होकर देवी का आगमन इस वर्ष को और भी विशेष बना रहा है। श्रद्धालु यदि विधि-विधान से घटस्थापना कर मां दुर्गा की आराधना करें, तो जीवन में सुख-समृद्धि और मंगल की प्राप्ति होगी।
हाथी वाहन का महत्व
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, प्रत्येक वर्ष नवरात्र में देवी के आगमन और गमन का वाहन अलग-अलग होता है। यदि देवी हाथी पर आती हैं, तो यह समृद्धि, सुख-शांति और भरपूर वर्षा का सूचक माना जाता है। मान्यता है कि हाथी पर आगमन से देश-समाज में उन्नति और खुशहाली बढ़ती है।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
पंचांगों के अनुसार इस बार घटस्थापना का शुभ समय सुबह 06:09 बजे से 08:06 बजे तक रहेगा। जो श्रद्धालु किसी कारणवश इस समय में पूजा न कर सकें, उनके लिए अभिजीत मुहूर्त 11:49 बजे से 12:38 बजे तक श्रेष्ठ माना गया है।
घटस्थापना और पूजा विधि
– नवरात्र की सुबह स्नान कर घर में स्वच्छता करें और पूजा स्थल तैयार करें।
– स्वच्छ मिट्टी में जौ बोकर उस पर जल से भरा कलश स्थापित करें।
– कलश में सुपारी, सिक्के और आम के पत्ते रखें, ऊपर नारियल को लाल वस्त्र से ढककर सजाएं।
– कलश पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं और कलावा बांधें।
– दीपक प्रज्वलित कर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र के समक्ष कलश स्थापित करें।
– पूजा में धूप, दीप, पुष्प, फल और नैवेद्य अर्पित करें।
– दुर्गा सप्तशती या व्रत कथा का पाठ करें और दिनभर व्रत रखकर मां से आशीर्वाद प्राप्त करें।


