
जिला प्रशासन मौन, भू-माफिया सक्रिय!
स्वराज इंडिया न्यूज़ ब्यूरो।
अयोध्या।डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के सामने स्थित 44 बिस्सा का तालाब अब पहचान खो चुका है। सवाल बड़ा है तालाब की ज़मीन कहां गई? वर्तमान में पांच बिस्सा भी शेष नहीं, बाकी पर घर, दुकानें, हॉस्टल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खड़े हैं।सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेश के बावजूद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं हो रही। नगर निगम और राजस्व विभाग पर चुप्पी साधने का आरोप है। हाउस टैक्स वसूलने पर भी सवाल उठ रहे हैं जब भूमि तालाब की है तो कर वसूली किस कानून के तहत? सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक सावंत ने आरोप लगाया कि लेखपाल और अयोध्या विकास प्राधिकरण की मिलीभगत से भू-माफियाओं ने तालाब को बेच डाला। सवाल उठता है क्या यह फाइल जिलाधिकारी तक पहुंचेगी या जवाबदेही सोई रहेगी? अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब तक पर्यावरण और न्याय की अनदेखी होती रहेगी?