
सऊदी अरब से दोस्ती निभाना पाकिस्तान को पड़ा भारी,पाकिस्तानी जहाज पर इजरायल का हमला, 24 पाकिस्तानियों की मौत
स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली । यरूशलेम/तेल अवीव।
मध्य-पूर्व में अपनी सुरक्षा और आतंकवाद पर कड़े रुख के लिए पहचाने जाने वाले इजरायल ने एक बार फिर अपनी क्षमता और रणनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया। यमन के रास अल-एसा बंदरगाह पर इजरायली ड्रोन हमले ने पाकिस्तानी टैंकर को निशाना बनाते हुए साफ कर दिया कि जब बात सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की हो, तो इजरायल समझौता नहीं करता।सूत्रों के मुताबिक, जिस टैंकर को निशाना बनाया गया, उसका संबंध हूती विद्रोहियों और उनके सहयोगियों से बताया जा रहा है। इस हमले के जरिए इजरायल ने न केवल दुश्मनों को चेतावनी दी है, बल्कि यह भी दिखा दिया कि उसकी खुफिया और सैन्य क्षमता कितनी उन्नत है।इजरायल ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि उसके खिलाफ किसी भी तरह की साजिश को वह जन्म लेने से पहले ही खत्म करने की ताकत रखता है। ड्रोन तकनीक का सटीक उपयोग और तेज़ कार्रवाई से एक बार फिर यह साबित हुआ कि इजरायल की सेना दुनिया की सबसे सक्षम सेनाओं में से है।विशेषज्ञ मानते हैं कि इस हमले से न केवल हूती विद्रोहियों को बड़ा झटका लगा है, बल्कि उन ताकतों को भी साफ संदेश गया है जो इजरायल के खिलाफ खड़े होने की कोशिश करते हैं।
घटना से जुड़े महत्वपूर्ण प्वाइंट
17 सितंबर को यमन के रास अल-एसा बंदरगाह (हूती नियंत्रण वाले इलाके में) एक LPG टैंकर पर हमला हुआ। इस टैंकर पर 27 सदस्यीय क्रू था, जिनमें 24 पाकिस्तानी, 2 श्रीलंकाई और 1 नेपाली नागरिक शामिल थे।
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी का दावा है कि यह हमला इजरायली ड्रोन द्वारा किया गया था, जिसकी वजह से टैंकर के एक गैस टैंक में विस्फोट हुआ और आग भड़क गई।
हमले के बाद हूती विद्रोहियों ने टैंकर और उसके चालक दल को पकड़ लिया था। लेकिन, पाकिस्तान सरकार का कहना है कि तनावपूर्ण प्रयासों के बाद इन 24 पाकिस्तानी नागरिकों की सुरक्षित रिहाई कराई गई है, और वो अब यमन के इलाकों से बाहर निकल चुके हैं।
पाकिस्तान के गृह मंत्री ने सऊदी अरब, ओमान, और अन्य स्थानों में काम करने वालों का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस कठिन परिस्थिति में मध्यस्थता और सहयोग किया।



