
प्रमुख संवाददाता स्वराज इंडिया | कानपुर डेस्क
कानपुर का रेलबाजार इलाका पिछले शुक्रवार को बड़ी साजिश का गवाह बना। जुमे की नमाज़ के बाद बरेली जैसे हालात पैदा करने की योजना बनाई गई थी। साजिश के मास्टरमाइंड के रूप में बर्खास्त सिपाही जुबैर अहमद खान उर्फ जुबैर गाजी सामने आया। उसने भीड़ इकट्ठा कर “I Love Muhammad” से जुड़ा भड़काऊ ऑडियो चलाया, जिससे माहौल बिगाड़ने और हिंसा भड़काने का प्रयास किया गया। पुलिस की सतर्कता और तुरंत कार्रवाई ने एक बड़े बवाल को टाल दिया।
सिपाही से भड़काने वाले तक का सफर

जुबैर गाजी मूलरूप से गाजीपुर जिले का रहने वाला है। वह वर्ष 1998 बैच में यातायात पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुआ। भ्रष्टाचार के आरोप में विभाग ने उसे बर्खास्त कर दिया था। कोर्ट में लड़ाई के बाद बहाल तो हुआ, लेकिन 2021 में उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। सेवा से अलग होने के बाद जुबैर का झुकाव राजनीति की ओर हुआ। पहले वह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से जुड़ा और अब से सिर्फ छह दिन पहले समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।
राजनीतिक रंग में साजिश
आरोपित के राजनीतिक दलों से जुड़े रहने को लेकर पुलिस भी गंभीर है। जांच में सामने आया कि जुबैर लगातार विभिन्न संगठनों और पार्टियों से संपर्क साधकर सक्रिय रहने की कोशिश करता रहा। उसका मकसद भीड़ को भड़काकर राजनीतिक माहौल प्रभावित करना था। समाजवादी पार्टी की सदस्यता लेने के कुछ ही दिन बाद इस तरह की साजिश का सामने आना कई सवाल खड़े करता है।
घटना का सिलसिला और पुलिस की मुस्तैदी
26 सितंबर को सुजातगंज स्थित अजमेरी मस्जिद के बाहर जुमे की नमाज़ के बाद आरोपित ने लोगों को भड़काने की कोशिश की। भीड़ के बीच उसने नफ़रत फैलाने वाला ऑडियो चलाया, जिससे तनाव फैलने का खतरा था। चौकी प्रभारी राजमोहन मिश्र ने समझदारी दिखाते हुए तुरंत मौके पर मौजूद लोगों को समझाया और भीड़ को तितर-बितर कर दिया। इसके साथ ही जुबैर समेत 25 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया।शनिवार देर रात पुलिस ने उसे अजमेरी मस्जिद के पास स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। रेलबाजार थाना प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि जुबैर को जेल भेज दिया गया है और बाकी आरोपियों की तलाश भी तेज़ कर दी गई है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आखिर इस साजिश के पीछे और कौन लोग शामिल थे।
पुलिस की सख्ती और जांच का दायरा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जुबैर के राजनीतिक संबंधों और हालिया गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि भड़काऊ ऑडियो किसने तैयार किया और इसके पीछे किस संगठन या समूह का हाथ था। स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) भी लगातार जांच में जुटी हुई है ताकि भविष्य में इस तरह की कोशिशों को रोका जा सके।
मुख्य बिंदु📌
- कानपुर रेलबाजार में जुमे की नमाज़ के बाद बरेली जैसे बवाल की साजिश।
- बर्खास्त सिपाही जुबैर गाजी ने “I Love Muhammad” का भड़काऊ ऑडियो चलाया।
- भ्रष्टाचार में बर्खास्त, बाद में बहाल और 2021 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति।
- जुबैर पहले AIMIM से जुड़ा, हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ।
- चौकी प्रभारी ने समझाकर भीड़ को शांत किया, बड़ी घटना टली।
- पुलिस ने जुबैर को गिरफ्तार कर जेल भेजा, 25 अज्ञात पर भी मुकदमा।
- खुफिया एजेंसियां और पुलिस अब आरोपी के नेटवर्क की जांच में जुटी।



