
स्वराज इंडिया न्यूज़ | नई दिल्ली डेस्क
भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव और सुधार की कोशिशों के बीच कनाडा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को अब आधिकारिक तौर पर आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया गया है। यह फैसला कंजर्वेटिव और एनडीपी नेताओं की लगातार मांग के बाद आया है।बीते साल कनाडा की संघीय पुलिसआरसीएमपी ने दावा किया था कि भारत, बिश्नोई गिरोह का इस्तेमाल कनाडा में हत्याओं और जबरन वसूली के लिए कर रहा है। इन आरोपों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि ओटावा के साथ मिलकर इस गिरोह पर रोक लगाने के प्रयास जारी हैं।
कानून और खुफिया चुनौती

कनाडाई आपराधिक संहिता के मुताबिक, अब आतंकवादी सूची में शामिल बिश्नोई गिरोह की किसी भी संपत्ति या वित्तीय लेन-देन पर पूरी तरह रोक लग गई है। बैंकों, धन सेवा संस्थाओं और अन्य माध्यमों से किसी भी तरह की मदद या लेन-देन करना अपराध माना जाएगा।हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि गिरोह को सूची में डालने भर से उसकी गतिविधियों पर रोक लगना मुश्किल है। असल चुनौती अपराध से जुड़ी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और उसके आधार पर सटीक कार्रवाई करने की है। आरसीएमपी का कहना है कि यह कदम उनकी जांच और कनाडा में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने की क्षमता को और मजबूत करेगा।
मुख्य बिंदु📌
- कनाडा सरकार ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित किया।
- कंजर्वेटिव और एनडीपी नेताओं के दबाव के बाद लिया गया फैसला।
- भारत ने कनाडा के आरोपों को खारिज कर सहयोग का आश्वासन दिया था।
- आतंकवादी सूची में आने के बाद गिरोह की संपत्ति और वित्तीय लेन-देन पर रोक।
- विशेषज्ञों के अनुसार, असली चुनौती है अपराध से जुड़ी खुफिया जानकारी जुटाना।



