
गोरा नगर कॉलोनी में पारिवारिक विवाद के बीच चली गोलियां, प्रतिष्ठित बीड़ी कारोबारी पिता-पुत्र की मौके पर मौत
स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो/मथुरा (वृंदावन), 1 नवम्बर 2025।
वृंदावन कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत गोरा नगर कॉलोनी में शुक्रवार देर शाम उस समय सनसनी फैल गई जब प्रतिष्ठित बीड़ी व्यापारी परिवार में पिता-पुत्र के बीच कहासुनी के दौरान चली गोलियों की आवाज ने पूरे इलाके को दहला दिया। घटना में पिता सुरेश चंद्र अग्रवाल (65) और पुत्र नरेश अग्रवाल (38) की मौत हो गई। दोनों ‘दिनेश बीड़ी’ नामक प्रसिद्ध बीड़ी ब्रांड से जुड़े बताए जा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार शुक्रवार शाम घर के भीतर किसी बात को लेकर पिता-पुत्र में झगड़ा हो गया। यह विवाद कुछ ही मिनटों में इतना बढ़ गया कि नरेश ने गुस्से में आकर पिता पर गोली चला दी। गोली सुरेश चंद्र अग्रवाल के सीने में जा लगी। इसके तुरंत बाद नरेश ने उसी पिस्तौल से खुद को भी गोली मार ली। दोनों को गंभीर हालत में रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
प्रतिष्ठित कारोबारी परिवार में दोहरी मौत से सन्नाटा
गोरा नगर कॉलोनी में रहने वाला अग्रवाल परिवार वृंदावन का नामी कारोबारी घराना है। सुरेश चंद्र अग्रवाल कई दशक पहले “दिनेश बीड़ी” ब्रांड की स्थापना कर चुके थे, जो अब ‘555 बीड़ी’ नाम से भी बाजार में प्रसिद्ध है। कारोबार में उनके तीन पुत्र दिनेश, नरेश और महेश शामिल बताए जाते हैं।
परिवारिक सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ समय से कारोबार की हिस्सेदारी और प्रबंधन को लेकर परिवार के भीतर मतभेद चल रहे थे। हालांकि पुलिस ने अभी तक इस विवाद की पुष्टि नहीं की है, लेकिन प्रारंभिक जांच में पारिवारिक कलह को प्रमुख कारण माना जा रहा है।
घटना के बाद इलाके में मचा हड़कंप
गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे तो दोनों खून से लथपथ पड़े थे। कॉलोनी में अफरा-तफरी मच गई। सूचना पाकर वृंदावन पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और फॉरेंसिक टीम के साथ मौके का निरीक्षण किया।
क्षेत्राधिकारी वृंदावन ने बताया कि घटनास्थल से एक लाइसेंसी पिस्टल बरामद हुई है, जो नरेश के नाम पर दर्ज बताई जा रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
बीड़ी कारोबार से जुड़ा पुराना घराना
सुरेश चंद्र अग्रवाल का परिवार वृंदावन और मथुरा के व्यापारिक समुदाय में सम्मानित माना जाता था। उनका कारोबार कई राज्यों में फैला हुआ है और पश्चिम बंगाल से बीड़ी का कच्चा माल मंगवाया जाता था। बताया जाता है कि “दिनेश बीड़ी” ब्रांड का नाम उनके बड़े बेटे दिनेश अग्रवाल के नाम पर रखा गया था।
परिवार के अन्य सदस्य फिलहाल सदमे में हैं। बड़ी संख्या में व्यापारी वर्ग के लोग घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं।
पुलिस ने कहा कि हर पहलू की जांच जारी
वृंदावन कोतवाली प्रभारी ने बताया कि यह मामला अत्यंत संवेदनशील है। “प्राथमिक रूप से यह पारिवारिक विवाद का मामला प्रतीत हो रहा है। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र किए हैं। परिवार के अन्य सदस्यों के बयान लिए जा रहे हैं। घटना में प्रयुक्त हथियार लाइसेंसी है,” पुलिस अधिकारी ने बताया।
सवाल जो बाकी हैं…
अब पुलिस की जांच से यह साफ होगा कि क्या यह विवाद केवल पारिवारिक था या इसमें कारोबारिक हिस्सेदारी, आर्थिक लेनदेन या अन्य व्यक्तिगत कारण भी जुड़े हुए थे।
फिलहाल इलाके में सन्नाटा पसरा है, और लोगों के बीच सिर्फ यही चर्चा है कि आखिर किस तनाव ने पिता-पुत्र के रिश्ते को इतनी भयावह परिणति तक पहुँचा दिया।
बीड़ी उद्योग से जुड़े कारोबारी समुदाय और वृंदावन के नागरिकों में इस दोहरी मौत की खबर से गहरा शोक है। लोग इस बात से स्तब्ध हैं कि वर्षों से एकजुट और प्रतिष्ठित माने जाने वाला परिवार ऐसी त्रासदी का शिकार हो गया।
स्थानीय व्यापार मंडल ने इस घटना को “व्यक्तिगत तनाव और व्यवसायिक दबाव का दुखद परिणाम” बताया है।


