
1 लाख की चालानी कार्रवाई में पाबंद करने पर दरोगा निलंबित
- दरोगा शिवम् कुमार त्यागी की लापरवाही और करतूतों को पीएचक्यू लखनऊ ने लिया गया संज्ञान तो एसएसपी ने की कार्रवाई
– न्यायालय में हाजिर होने का नोटिस मिला तो परिवार हैरान रह गया, एसीएम द्वितीय कोर्ट से करवा दी थी मासूम पर 1 लाख के मुचलके के साथ पाबंद की चालानी कार्यवाही
प्रमुख संवाददाता स्वराज इंडिया
लखनऊ/अलीगढ। पुलिस की संवेदनहीनता और लापरवाही समय समय पर देखने को मिलती ही रहती है , इस बार लापरवाही का गजब कारनामा देखने को मिला है। अलीगढ एसीएम न्यायालय ने कक्षा एक के छात्र को शांति भंग की धारा में पाबंद किया है। वहीं कक्षा में पढ़ने वाले इस बच्चे को 30 अक्टूबर को न्यायालय में हाजिर होने के संबंध में तलबी नोटिस जारी किया है। एसीएम न्यायालय का नोटिस जब बच्चे के घर पहुंचा तो परिवार के लोग हैरान रह गए। परिजन अब इस संबंध में अधिवक्ता की मदद ली तो पुलिस की करतूत सामने आई। दरअसल थाना क्वार्सी इलाके में राजीव नगर निवासी हितेश चौहान निजी नर्सिंग होम में कार्यरत हैं। उनके पड़ोसी ने मामूली विवाद को लेकर उनके खिलाफ आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से शिकायत की थी। जिसकी जाँच हलका इंचार्ज दरोगा शिवम कुमार त्यागी को दी गई थी। हलका प्रभारी हितेश के घर पहुंच और जांच के साथ हितेश से उनके मकान के कागजात मांगे। हितेश ने कागजात देने से इनकार कर दिया और कहा कि शिकायत दरवाजे के संबंध में है। इसमें कागजात किस लिए ? यह जवाब दरोगा शिवम् त्यागी को नागवार गुज़ारा। उसने पाॅवर का रुतबा दिखाकर हितेश के पुत्र कक्षा 1 के 6 वर्षीय छात्र प्रियांशू चौहान के विरुद्ध शांतिभंग की कार्रवाई करते हुए चालानी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 170/ 126 व 135 के तहत चलनी कार्रवाई कर दी और इसे न्यायालय में दाखिल कर दिया । पुलिस की लापरवाही देखिए छह वर्ष के बच्चे को 40 वर्षीय वयस्क दिखाया गया। इसी चालानी रिपोर्ट के आधार पर मासूम प्रियांशू के विरुद्ध एडीशनल सिटी मजिस्ट्रेट (एसीएम) द्वितीय के न्यायालय से एक लाख रुपये के मुचलके पर पाबंद करने का आदेश जारी कर दिया गया। 30 अक्टूबर को जब चालान की प्रति मासूम के घर पहुंची तो परिजन देख कर स्तब्ध रह गए। प्रियांशु के पिता हितेश चौहान ने कोर्ट आफीसर अधिवक्ता एसके सिंह से मदद ली , इस पर पड़ताल की गई तो पता चला रिपोर्ट थाना क्वार्सी के सब इंस्पेक्टर शिवम कुमार त्यागी ने तैयार की थी और इसे बिना सत्यापन के रिपोर्ट एसीएम कोर्ट भेज दी गई। सीओ सिविल लाइन सर्वम सिंह ने मीडिया को बताया कि दारोगा के खिलाफ जांच रिपोर्ट एसएसपी को भेज दी है। उक्त चालानी में एक बालक जो अधिकृत आयु का नही है उसकी भी चालानी पेश कर दी गई थी। उप निरीक्षक द्वारा बरती गई लापरवाही के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा संबंधित उप निरीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है तथा उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की गई है। नियमानुसार इसमें मुचलका निरस्तीकरण के संबंध में पत्राचार किया गया है, जिसमें आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
लखनऊ पीएचक्यू में लिया संज्ञान तो हुई कार्रवाई अधिवक्ता एसके सिंह ने लखनऊ पुलिस मुख्यालय तक इस मामले में पुलिस की लापरवाही पर सवाल दागे तो जिला पुलिस हरकत में आई। सीओ प्रथम सर्वम सिंह ने कहा “मामला संज्ञान में आ गया है. यह दरोगा स्तर की लापरवाही है. नाम, पता और उम्र नोट करने में गलती हुई. बच्चे की पाबंदी रिपोर्ट चली गई.ऐसी गलतियों को दोहराने से रोकने के लिए रोकने के लिए प्रावधान किए जाएंगे। आनन फानन में एसएसपी ने दरोगा को निलंबित कर दिया वहीँ दरोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। अधिवक्ता एसके सिंह ने बताया कि मुवक्किल पिता हितेश चौहान और मासूम बेटे की छवि प्रभावित हुई है , बेटा कक्षा 1 का छात्र है और प्रतिष्ठित स्कूल का है। पुलिस का यह कृत्य न केवल घोर लापरवाही का है अपितु यह प्रशासनिक संवेदनहीनता को दर्शाता है।
अधिवक्ता ने पुलिस के कृत्य को लेकर की शिकायत



