कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को रायबरेली लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल की मां और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी, बहनोई रॉबर्ट वाड्रा, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाला और यूपी के कई कांग्रेस नेता उपस्थित रहे
स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो | रायबरेली में राहुल के स्वागत के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पूरी ताकत के साथ उमड़े। इंडिया ब्लॉक का हिस्सा दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने जोर-जोर से गांधी की जय-जयकार की और नारे लगाए। लोगों ने नेताओं पर पुष्पवर्षा की और विभिन्न व्यापारी संगठनों ने राहुल का अभिनंदन किया जो पहली बार रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं और सपा कार्यकर्ताओं के बीच उस समय मामूली झड़प की सूचना मिली जब कार्यकर्ताओं ने “राहुल गांधी वापस जाओ” के नारे लगाए।
उधर, इससे पहले किशोरी लाल शर्मा ने भी अमेठी लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। आजादी के बाद से अब तक तीन मौकों को छोड़कर रायबरेली में कांग्रेस ही जीती है। इंदिरा गांधी के पति फ़िरोज़ गांधी ने पहली बार 1952 और 1957 में रायबरेली से जीत हासिल की, और 1960 में उनकी मृत्यु के बाद, कांग्रेस के आर पी सिंह और बैजनाथ कुरील ने 1967 में इंदिरा गांधी द्वारा इस पर कब्ज़ा करने तक सीट जीती। 1977 में जनता पार्टी के राज नारायण ने इंदिरा गांधी को हराया लेकिन 1980 में रायबरेली फिर से इंदिरा गांधी के पास चली गई।
रायबरेली सीट में 1999 में हुए उपचुनाव के बाद से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी लगातार 2019 तक इस सीट से सांसद रही हैं लेकिन इस बार स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। वह राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो गई हैं।श्रीमती गांधी ने पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 534918 मतों के साथ 56.41 प्रतिशत वोट हासिल किए थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह ने 38.78 प्रतिशत वोट हासिल कर 367740 मत प्राप्त किए थे। तब तीसरे स्थान पर अशोक प्रताप मौर्य और चौथे पर निर्दलीय सुरेंद्र बहादुर सिंह रहे थे।
साल 2014 के चुनाव में श्रीमती गांधी ने भाजपा के अजय अग्रवाल को शिकस्त देते हुए 526434 मत प्राप्त किए जबकि भाजपा के अजय अग्रवाल को 173721 मत मिले थे। बसपा तीसरे स्थान पर रही थी। इस सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ और तब से 19 चुनाव में 16 बार कांग्रेस ही जीती है। इस सीट पर 1977 में जनता पार्टी के राज नारायण ने इंदिरा गांधी को हराया था और उसके बाद 1996 में भाजपा के अशोक सिंह ने यह सीट जीती थी। श्रीमती गांधी इस बार चुनाव लड़ती तो वह लगातार छठी बार लोकसभा में पहुंच सकती थी।


