
प्रमुख संवाददाता | स्वराज इंडिया | कानपुर डेस्क 📍
शुरुआती कार्रवाई के बाद अब राजस्व विभाग ने अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है। मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं और जल्द ही भूमाफियाओं पर कानूनी शिकंजा कसने की संभावना है।
राजस्व ग्राम पंचायत सुरार में सरकारी ऊसर भूमि पर अवैध कब्जा और प्लाटिंग के बड़े खेल का पर्दाफाश दैनिक स्वराज इंडिया की पड़ताल के बाद हुआ है। आराजी संख्या 607, 608, 610 और 613 दर्ज सरकारी ऊसर भूमि पर रघुनाथपुर निवासी महेंद्र यादव और वीर बहादुर यादव द्वारा कब्जा कर अवैध प्लॉटिंग किए जाने की शिकायत लंबे समय से ग्रामीणों द्वारा उठाई जा रही थी।
शिकायत पर कार्रवाई, कब्जा हुआ ध्वस्त

ग्राम प्रधान पंकज यादव ने करीब एक माह पहले सदर एसडीएम को लिखित शिकायत भेजी थी, जिसमें क्षेत्रीय लेखपाल अनिल कुमार पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने मोटी रिश्वत लेकर भूमाफियाओं के पक्ष में फर्जी रिपोर्ट लगाई। इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकारी जमीन पर अवैध प्लॉटिंग शुरू की गई थी।शिकायत सामने आने के बाद स्वराज इंडिया ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया। मामला तूल पकड़ते ही सदर एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार सचेंडी रिचा सचान ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की।आराजी संख्या 608 के जिस हिस्से पर कब्जा किया गया था, उस पर बुलडोजर चलवाकर निर्माण ध्वस्त कराया गया। यह हिस्सा वीर बहादुर यादव के कब्जे में था।इसी बीच ग्राम प्रधान पंकज यादव ने अपनी शिकायत वापस लेने की बात कही, जिसके बाद ग्रामीणों ने उन पर भी भूमाफियाओं से सांठगांठ औररिश्वत लेने के आरोप लगाए। ग्रामीणों का कहना है कि इतने बड़े कब्जे को हटाने से पहले शिकायत वापस लेना संदेह पैदा करता है।
मुख्य बिंदु📌
- स्वराज इंडिया की रिपोर्ट के बाद प्रशासन हरकत में आया
- सरकारी ऊसर भूमि की चार आराजियों में अवैध प्लॉटिंग का खेल उजागर
- लेखपाल अनिल कुमार पर रिश्वत लेकर फर्जी रिपोर्ट लगाने का आरोप
- नायब तहसीलदार ने वीर बहादुर यादव के कब्जे में 608 अराजी की जमीन पर बुलडोजर चलवाकर कब्जा हटाया
- ग्राम प्रधान पंकज यादव द्वारा शिकायत वापस लेने पर ग्रामीणों ने जताया संदेह
- राजस्व विभाग ने भूमाफियाओं पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए जांच की प्रक्रिया शुरू की



