
योगी आदित्यनाथ की आक्रामक और जमीनी शैली भी निर्णायक साबित हुई
योगी ने बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों में 31 जनसभाएं और 1 रोड शो किया
लखनऊ/पटना। स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में सबसे प्रभावी नेता के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उभरकर सामने आए हैं। चुनावी नतीजों में एनडीए गठबंधन को मिली स्पष्ट बढ़त के पीछे जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे का असर माना जा रहा है, वहीं योगी आदित्यनाथ की आक्रामक और जमीनी शैली भी निर्णायक साबित हुई।
चुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों में 31 जनसभाएं और 1 रोड शो किया। वे दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, सहरसा जैसे महत्वपूर्ण जिलों में पहुंचे, जहां उनकी सभाओं में भारी भीड़ उमड़ी। स्थानीय स्तर पर माना जा रहा है कि योगी की लोकप्रियता और उनकी छवि ने एनडीए उम्मीदवारों को खास फायदा पहुंचाया। कई विधानसभा क्षेत्रों में उनका प्रचार सीधे-सीधे जीत में तब्दील हुआ।
बिहार चुनाव 2025 के परिणामों ने योगी आदित्यनाथ को एक राष्ट्रीय स्तर के प्रभावी स्टार प्रचारक के रूप में स्थापित किया है। उनकी छवि अब सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं, बल्कि बिहार समेत कई राज्यों की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाली बन चुकी है।

विकास, सुरक्षा और हिंदुत्व—तीन बिंदुओं पर योगी का फोकस
अपनी रैलियों में योगी आदित्यनाथ ने विकास, कानून-व्यवस्था, गरीब कल्याण और सांस्कृतिक पहचान जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उनके भाषणों की शैली तेजतर्रार होने के साथ-साथ स्थानीय मतदाताओं की भावनाओं को भी सीधे छूने वाली रही। यही कारण रहा कि जहां-जहां योगी पहुंचे, वहां एनडीए को बढ़त हासिल हुई।
भाजपा और जेडीयू दोनों दलों के स्थानीय नेताओं का मानना है कि इस बार बिहार चुनाव में योगी आदित्यनाथ की ‘सख्त प्रशासक’ और ‘ईमानदार नेता’ वाली छवि ने बड़ा असर छोड़ा। जनता के बीच उनकी पहचान एक ऐसे नेता के रूप में उभर रही है जो प्रशासनिक सख्ती और धार्मिक-सांस्कृतिक जुड़ाव दोनों को साथ लेकर चलता है। इससे एनडीए के समर्थन आधार को मजबूती मिली।
महागठबंधन पर असर नहीं डाल सकीं अखिलेश की रैलियां
वहीं, महागठबंधन की ओर से अखिलेश यादव ने छह बड़ी सभाएं कीं, लेकिन उनकी अपील मतदाताओं पर उतना प्रभाव नहीं डाल सकी। जिन क्षेत्रों में उन्होंने प्रचार किया, वहां भी एनडीए का प्रदर्शन बेहतर रहा। इससे यह भी साफ हुआ कि बिहार में स्टार प्रचारकों के बीच योगी आदित्यनाथ की पकड़ अधिक मजबूत रही। NDA को 124–146 सीटों तक की बढ़त के अनुमान और प्रमुख सीटों पर मिली जीत ने यह साबित कर दिया कि योगी आदित्यनाथ न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि बिहार की राजनीति पर भी असर डालने वाले नेता बन चुके हैं। उनकी मौजूदगी ने भाजपा-जेडीयू गठबंधन को अतिरिक्त बढ़त दिलाई।


