
भस्म आरती से ठीक पहले थम गई भक्त की सांस
स्वराज इंडिया न्यूज़, उज्जैन ब्यूरो
उज्जैन। सोमवार तड़के महाकालेश्वर मंदिर में उस समय भावनाओं का सागर उमड़ पड़ा, जब भस्म आरती से ठीक पहले एक अनन्य भक्त ने अपने आराध्य के चरणों में अंतिम सांस ली।
47 वर्षीय सौरभ राज सोनी, निवासी पार्श्वनाथ सिटी, हर सोमवार की तरह इस बार भी महाकाल के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे थे। भस्म आरती शुरू होने से कुछ ही क्षण पहले रात करीब डेढ़ बजे वे गेट नंबर एक के पास अचानक अचेत होकर गिर पड़े। तत्काल उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।सौरभ राज सोनी फ्रीगंज क्षेत्र में विनायक कैफे चलाते थे और लंबे समय से महाकाल के परम भक्त के रूप में पहचाने जाते थे। वे हर सोमवार आरती में शामिल होना अपना धर्म मानते थे। संयोग देखिए— आरती से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा था:
“मिट्टी का शरीर है, सांसें सारी उधार हैं, दिल तो महाकाल का है, हम तो किरायेदार हैं।”
महाकाल मंदिर के श्रद्धालुओं ने इस दृश्य को ईश्वरीय लीला बताया। किसी ने कहा — “महाकाल ने अपने सच्चे भक्त को अपने ही चरणों में स्थान दे दिया।” सौरभ की मृत्यु से पूरा उज्जैन भावविभोर है। महाकाल की नगरी में आज यह चर्चा आम रही कि —
“भक्त का जीवन महाकाल को समर्पित था, और अंत भी उन्हीं की आरती से पहले हुआ — इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है।”



