
सिरकटी लाश का रहस्य उजागर बहुत ही मुश्किल से हुआ था
लुधियाना की छात्रा एकता देशवाल की हुई थी निर्मम हत्या
स्वराज इंडिया न्यूज ब्यूरो
मेरठ, उत्तर प्रदेश।
लोइया गांव में पिछले दिनों एक खेत से कुत्ते द्वारा मानव अंग ले जाने की सनसनीखेज घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया था। खेत मालिक शबी अहमद के खेत से कुत्ते को मानव अंग लेकर भागते हुए देख ग्रामीण ईश्वर पंडित ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने खेत की खुदाई कर एक महिला की सिरकटी लाश बरामद की। शव के दोनों हाथ भी गायब थे।
शव की पहचान कर पाना पुलिस के लिए मुश्किल था क्योंकि सिर और हाथ गायब होने के कारण कोई सुराग नहीं मिल रहा था। गांव के आसपास ऐसी कोई गुमशुदगी भी दर्ज नहीं थी। इसी बीच एसएसपी साहनी ने अनुमान लगाया कि मृतका गांव की नहीं बल्कि बाहर से लायी गयी हो सकती है। सभी थानों से संपर्क साधा गया और लुधियाना (पंजाब) के मोतीनगर थाने से एक गुमशुदगी का मामला सामने आया।
गुमशुदा युवती 23 वर्षीय एकता देशवाल थी, जो एक संभ्रांत परिवार से थी और बी.कॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। जांच में खुलासा हुआ कि लुधियाना में उसकी मुलाकात शाकिब अहमद नामक युवक से हुई थी, जिसने अपना नाम “अमन” बताकर उसे प्रेमजाल में फंसा लिया। शाकिब के बहकावे में आकर एकता घर से करीब 25 लाख रुपये के गहने और नकदी लेकर फरार हो गयी।
दोनों मेरठ के दौराला कस्बे में किराये के मकान में लगभग एक महीने तक रहे। बाद में ईद के मौके पर शाकिब उसे अपने घर लेकर आया। वहीं एकता को उसकी असलियत का पता चला कि “अमन” दरअसल शाकिब अहमद है। इस खुलासे के बाद दोनों में तीखा विवाद हुआ।


पुलिस जांच में सामने आया कि ईद की रात शाकिब ने योजना के तहत एकता को कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर दिया। इसके बाद शाकिब अपने परिवार और कुछ परिचितों के साथ मिलकर उसे खेत पर ले गया। वहीं नृशंस तरीके से उसकी गला काटकर हत्या कर दी गयी। हत्या के बाद पहचान छिपाने के लिए उसके दोनों हाथ काट डाले गये, क्योंकि एकता ने एक हाथ पर अपना नाम और दूसरे पर “अमन” का नाम गुदवाया था। सिर और हाथ पास के तालाब में फेंक दिये गये जबकि धड़ को खेत में दफना दिया गया।
हत्या में शाकिब के भाई मुस्सरत, पिता मुस्तकीम, भाभी रेशमा और इस्मत की पत्नी मुस्सरत की संलिप्तता भी सामने आयी है। आरोप है कि सबने मिलकर एकता को पहले निर्वस्त्र किया और फिर उसकी हत्या कर शव के टुकड़े किये।

हत्या के बाद भी शाकिब एकता का मोबाइल इस्तेमाल करता रहा और उसका फेसबुक अकाउंट चला कर परिवार को धोखे में रखता रहा। परिवारवालों को लगता रहा कि एकता “अमन” के साथ सुरक्षित है। परंतु 20 मई को पुलिस की जांच में जब पहली बार सच्चाई सामने आयी तो परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गयी।
आज इस मामले का पूरा खुलासा हो चुका है और पुलिस ने शाकिब सहित उसके परिजनों व सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है। बरामद फावड़ा, जिससे गड्ढा खोदकर लाश दफनायी गयी थी, केस का अहम सबूत बना है।
यह पूरा मामला समाज को झकझोरने वाला है। पुलिस की सतर्कता और योजनाबद्ध जांच से लगभग एक साल पुराने इस सनसनीखेज कांड से पर्दा उठा।


